ये कैसा है समाजजहाँ नायक नकारे जाते हैंसामने हों तो तिरस्कारबाद में पुतले सँवारे जाते हैं ज्यूँ जीते जी उन्हें पूजा जायेगातो वो महान नहीं बन जायेगाइसलिए खुद के लिए धकेलो उन्हें पीछेलूट लो वो बगीचे जो उन्होंने थे सींचेकरो नजरअंदाज या नीचा दिखाओवो तेज चल रहा तो टंगड़ी अड़ाओदामन जो साफ़ है तो कीचड़…