मैं तब था परदेस में और जागा माँ का प्यार हमारी बातें ख़त्म होती थी रो के ही हर बारमां ने पूछा, अच्छा बेटा क्या याद मेरी आती है दर्द छिपाकर मैंने बोला, फुर्सत कहाँ मिल पाती हैबेटा तुम्हारा सुना कमरा देख मन हुआ है भारी माँ हम बहुत मस्ती में हैं, आप चिंता न…