वो कहते है – यहाँ हर मुस्कराहट की कीमत है हर हंसी का हिसाब देना है ये वो बाजार है मेरे यार जहा उसे हर चीज का मोल लेना है सब यही चूका के जाना है, कोई उधार नहीं इस वही-खाते को सँभालने वाला, किसी का भी यार नहीं तो क्या हर हंसी के पहले…
– एक सप्रेम भेंट