इजहार की हिम्मत ही नहीं, पर इश्क फरमा रहे है, दिए को पता ही नहीं, परिंदे की तरह जले जा रहे है, ना दिन में चैन है, ना नींद आती है रातों मेंअब तो सिर्फ दिल लगता है उन्ही की बातों में गली के मोड़ पे छुपकर उनकी एक झलक पाने के लिए तरसते हैऔर…
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हिसाब
वो कहते है – यहाँ हर मुस्कराहट की कीमत है हर हंसी का हिसाब देना है ये वो बाजार है मेरे यार जहा उसे हर चीज का मोल लेना है सब यही चूका के जाना है, कोई उधार नहीं इस वही-खाते को सँभालने वाला, किसी का भी यार नहीं तो क्या हर हंसी के पहले…
ठहर जरा मुसाफिर
ठहर जरा, थोड़ा रुक, जरा हांफ लेथोड़ा थम कर, जिंदगी की रफ़्तार को भांप ले कितने साथ चले थे तेरे और अब कितने है साथकिसने किसने छोड़ दिया, और किसने अभी भी पकड़ा है हाथकुछ ऐसे भी होंगे, जो सफर में मिले और फिर जुदा हो गएकुछ तो अब याद भी नहीं और कुछ खुद…
ख़ुशी
इन्तेजार
बिस्तर की सलवटे कह रही है बैचैनी की कहानी तकिये की नमी से लगता है रात भर रोती रही दीवानी तन्हा राते, तन्हा जीवन, चारो ओर तन्हाई उलझी लटें, तकती आँखे, कह रही थी व्यथा की गहराई तीन महीने पहले, शायद थोड़ी सी मुस्करायी थी जब पडोसी की चिठ्ठी, गलती से इसके घर चली आयी…