होती है दूरियों में गलतफहमीरिश्तों के फूल, मुलाकात में खिलते है आओ ना कभी चाय पर मिलते हैं हम दोनो को ही है शिकवे गिलेइन दरारों को एहसासों से सिलते है आओ ना कभी चाय पर मिलते हैं वफ़ा बेवफाई के इल्जाम हैं बेमानी थोड़ा तुम थामो, थोड़ा हम संभलते हैंआओ ना कभी चाय पर…
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बताओ ना
https://www.youtube.com/watch?v=pe1BoTJ59Ms जो मन में है, उसे खुल के बताओ नाबनावट की परते ओढ़े, अपने भावो को छुपाओ ना प्यार है तो करो इजहारतुम्हे भी है तो करो इकरारजो टूट के मोहब्बत है, तो जताओ नायूँही बेबजह कभी कभी उन्हें लुभाओ नाअरे कभी थोड़ा रूठो तो कभी मनाओ ना जो मन में है, उसे खुल के…