गज़ब ज़माना!!
गज़ब ज़माना है यह,
नियम है तो नीयत नहीं,
नीयत है तो हिम्मत नहीं.
नाम है, पर इज़्ज़त नहीं,
दाम है, पर कीमत नहीं.
घडी है, पर वक़्त नहीं,
वक़्त है अगर, तो मोहलत नहीं.
ग़िज़ा तो है, पर सेहत नहीं,
नौकरी है, पर बरक़त नहीं.
अक्ल है तो सूरत नहीं,
सूरत है तो फितरत नहीं.
ईद है, पर दावत नहीं,
और दावत है, तो फुर्सत नहीं.
साथी है तो मोहब्बत नहीं,
तनहा है जो, उसे क़ुरबत नहीं.
मैं तुझसे सहमत नहीं,
और तुझे मेरी अहमियत नहीं.
हकिम है पर राहत नहीं,
वकील है पर अदालत नहीं.
शहीद को दर्जा-ऐ-शहादत नहीं,
देश प्रेम की आदत नहीं.
नामदार की रेहमत नहीं,
कामदार को शोहरत नहीं.
और, जो ज़िंदा हैं उन्हें फुर्सत नहीं,
जो हलाक हुए उन्हें तुर्बत नहीं.
मोहब्बत
मेरी मोहब्बत की तलाशें तुझ पर ख़त्म होती हैं ,
ख़लक़ की सख्तियां फ़क़त तेरे ख्याल से नरम होती हैं !
न लगी आँख मेरी तब से जब से आँख लगी तुझसे,
रातो को जागता हूँ मैं जब, तू भी कहाँ सोती है!
ज़माने का दरिया भी नहीं काफी, तेरा क़तरा भी बहुत,
एक तस्सव्वुर से महज़ तेरे, मेरी हर रंजिश नाबूद होती है!
कोई ज़ंजीर नहीं पर, क़ैद हूँ तुझ में एक उम्र से,
इल्म नहीं था मुझे, ऐसी भी कोई सजा होती है.
मंज़िलो की छोडो, मंज़िलें कब किसने पायी हैं,
हमसफ़र हो तुझ सा गर, हर कदम पर मंज़िल होती है!!
रोशनी बाँट रहा हूँ मैं
चाँद का किरदार निभा, उम्र काट रहा हूँ मैं,
दाग तेरे अपने सीने में दफना, रोशनी बाँट रहा हूँ मैं।
यूँ तो तेरी दास्तान है बेवफाई से लिपटी हुई,
उस में से कुछ लम्हे हसीं, आज भी छांट रहा हूँ मैं ।
तू खुशबु थी सो जा कर बिखर गयी हवाओं में,
मैं फूल हूँ, सो कांटो की शैय्या पर ज़िन्दगी काट रहा हूँ मैं।
पूछता हूँ इलाज गैरो से उस मर्ज़ का जो तूने दिया,
निजात दिला दे इस दर्द से जो हक़ीम, राह उसकी एक मुद्दत से टाक रहा हूँ मैं.
यूँ तो कुछ लम्हे सुकून भरे भी गुज़ारे थे तुझ संग,
लेकिन इज़हार-ऐ-मोहब्बत की उस घडी को, आज भी दांत रहा हूँ मैं.
यक़ीन है मुझे वक़्त ताईद करेगा नुसरत को मेरी किसी रोज़,
मायूसी के अँधेरे में, उम्मीद की वह किरण छांट रहा हूँ मैं!
So very beautifully written! Simply loved the choice of words and expressions. Touches the heart!
Both the poems are awesome.
Keep it up!
Wonderful composition!
Very well made! Fantastic language and great attitude!
Gaurav, you are as usual at your exceptional best ..Both the poems convey the deep meanings and very well written…The reader is bound to relate himself or herself to the situations…
Brilllllllliannnnt expressions of thoughts on love 👌👌👌
Gaurav as usual superb.
What a profound way to express your words! Beautifully written.. Keep it up, Gaurav ji..
Loved both the poems👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻emotions oozing out…. your ability to play with words is commendable 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻Superb👍 Keep writing✍️
अप्रतिम अरोड़ा जनाब।
Fantastic !! Very well composed. Keep it up buddy.
Wah! Nicely written. Full of expressions.👍
Hausla badhane hetu sabhi mitro ka tahe dil se shukriya 🙏