अपने देश से दूर आ बसाये देश लगने लगा है अपनादेह और मन की ये यात्राअब लगे जैसे कोई सपना जब आया, था मैं अनजानासब तरफ थी अजनबी राहेंइसने कुछ ऐसे अपनाया किमुस्काते चेहरे हैं खुली बाहें उम्मीद के घरोंदे कोतजुर्बों से सजाया हैघर से दूर इस घर कोशिद्दत से बसाया है मेरे गाँव के…
Author: Vishwas
शाम सुहानी हो गयी
शाम सुहानी हो गयीग़ज़ल रूहानी हो गयीहम दोनों जब मिले तोकुछ बात पुरानी हो गयी सालों से अधूरा थापर इंतेज़ार पूरा थाकुछ उसने था जोड़ाहमने भी कुछ थोड़ा पूरी कहानी हो गयीशाम सुहानी हो गयी ताल फिर बजे छमछमझूम उठे मन के सरगमजज्बातों का जैसे बहाव थाख्वाहिशों का कोई राग था संजीदा थी मस्तानी हो…
कुछ कहना था
मौन की सीमाएँ लाँघकर घबराहट को पीछे बांधकरभावों की उलझन समेटकरउमड़ती हुई हसरतें लपेटकरमुझे तुमसे कुछ कहना था महफ़िलों में भी तन्हा रहता हूंखामोश सा सब कुछ सहता हूंतारे गिन गिन हमने रात गुजारीवही बोलते हैँ तस्वीर से तुम्हारीजो रूबरू तुमसे कहना था चलोगे क्या थाम मेरा हाथइस सफर में दोगे मेरा साथसमझ रहे हो…
आहट
तुम भले खुद आओ न आओ बस तुम्हारी आहटें आती रहें दुनिया की भाग दौड़ में आगे निकलने की होड़ में दिनोदिन बढ़ती हुई उलझन थक हार कर जब टूटता तन जब राह हमें कुछ सूझे नहीं अब क्या करें कुछ बूझे नहीं तब हल्की सी आहट तुम्हारी अमृत बूँद बन जाती है हमारी जहां…
जुदाई
जीते जी जो सबको खुश करने उलझे रहे दीवाने से दुनिया को ख़ाक फर्क नहीं पड़ा उनके चले जाने से दुनिया तो खुदगर्ज ठहरी पर हमारी दुनिया तुम थे तेरी यादों में खोये निकलते नहीं अपने आशियाने से अलविदा कहते हुए फेरा उसके गाल पर जो हाथ ताउम्र की हिम्मत मिल गयी लड़ने को ज़माने…
चाँद से तकरार
चाँद से आज मेरी तकरार हो गयी उसे अपनी चांदनी पर गुरुर थाअपनी चमक पर वो मगरूर थाजो मैंने तेरी बेदाग तस्वीर दिखाईतेरी हसीन शक्ल उसे नजर आयीखिसिया कर वो हो गया यूं बेक़रारऔर आखिर हो गयी चाँद से तकरार दूर से ही सब उसे निहारा करते हैँउसकी मिसालें देकर आहें भरते हैँजब पता चला…
लम्हे
मुझे छोटे-छोटे लम्हेसमेटने का जूनून हैभले न बड़ा न महंगाथोड़े में ही सुकून है बच्चे की नादानी मासूम से सवालबाग़ में खिले फूलअतरंगी सा ख्याल दोस्तों के संग मज़ाकअजनबी की मुस्कान महबूब की शिकायतकभी मौसम मेहरबान किसी ख़ास की याद माँ की प्यारी थपकीपापा की वो हिदायत संडे दोपहर की झपकी मेसेज का तुरंत जवाबकहीं…
मृत्यु
यूँ ही ख्याल आया – जब समझ ये आ जायेकी कुछ ही साँसे बाकी हैँये लगने जब लगता होअब चंद लम्हों की झांकी है जब पता चले अंतिम पल हैअब यहाँ वापस नहीं आनाइंसान जीना चाहता होगा यामृत्यु की गोद में समा जाना जब शरीर से रूह का बंधनछूट कर टूट रहा होता है उस…
दोस्ती से इश्क़ तक
इश्क करते हैँ पर दोस्ती में छिपाकरसब कह भी देते हैँ उसे मजाक बताकर हरेक लम्हा हर पल यूं तो फ़िक्र भी हैकिसी न किसी बहाने उसका जिक्र भी है खूब सजा दे रहे हो दोस्त दोस्ती निभाने की हम ही से सलाह लेते हो हमको सताने की रूहानी माना सुनने में असरदार लगता हैपर…
ऐसा तो नहीं
अपनी बात से मुकरना आसान तो नहींदूरियां बढ़ीं है पर बदली जुबान तो नहीं अब हो गई है हमारे बीच भले ही रांजिशेहंस के मिलने में कोई नुकसान तो नहीं हम दोनों को जो मिला वो हमारा नसीबउस पर यूँ इतराने में कतई शान तो नहीं यह जो बिन बात ही तुम मुस्कुराते होदिल पर…