
तुझ में बसते अपने प्राण लिखूं
या तुझे मैं अपना अभिमान लिखूं
ए वतन, मैं तुझे अपना महबूब लिखूं
या गाँव में छिटकी होगी वो धूप लिखूं
वो मैं सुबह सवेरे की राम-राम लिखूं
या सुभाष, भगत, गाँधी का नाम लिखूं
टैगोर सा यमुना-गंगा विंध्य-हिमाचल लिखूं
बहुत याद आता भारत माँ का आँचल लिखूं
सीमा पर मुस्तैद खड़ा, वो सेना का जवान लिखूं
या हर रोज दुनिया में बढ़ता, देश का मान लिखूं
वो मेरे खेत की मिट्टी, सरसो के खलिहान लिखूं
मंदिर में बजती घंटी, या मस्जिद की अजान लिखूं
परमात्मा से प्रार्थना है, कि मेरी किस्मत में ये लिखना
अगले जन्म और हर जन्म, मुझे भारतवंशी ही रखना