
हसीन लगता है
अब तो हर पल मुस्कुराना हसीन लगता है
तेरा हर अफसाना हसीन लगता है
मनाना रूठ जाना इतराना हसीन लगता है
कह दो मत रोको अपने जज्बाते दिल
नहीं तो बिछरने में कहाँ ज़माना लगता है |
इन नमकीन आँखों का निशाना हसीन लगता है
भावों का छुपाना फिर बताना हसीन लगता है
चुप रहने को जिंदगी के पल बहुत छोटे हैं
मगर अनकहे दिल का फ़साना हसीन लगता है|
याद में आना जाना हसीन लगता है
रोकर फिर मुस्कुराना हसीन लगता है
मुस्कुराकर गुनगुनाना हसीन लगता है
अब तो गीतों में झूम जाना हसीन लगता है|
रात को चाँद दीन को जमाना हसीन लगता है
अब तो न मिलने का हर बहाना हसीन लगता है
नज़्मों गीतों का आशियाना हसीन लगता है
मिलना बिछड़ना तो दस्तूरे दुनिया है
अब तो हर पल मुस्कुराना हसीन लगता है
बन जाएं
चलो हवा बन जाएं
कभी चाँद कभी सूरज
कभी नभ में चमकते तारे
से भी ऊपर उड़ जाएं
चलो प्रकाश बन जाएं
कभी रात कभी प्रभात
कभी नाराज कभी खुशमिजाज
सा खूबसूरत किरण फैलाएं
चलो नीर बन जाएं
कभी जरूरत कभी आराम
कभी जल कभी मधु
सा जीवन में बस जाएं
चलो धरा बन जाएं
कभी सुगंध कभी कमल
कभी अनाज कभी फल
सा हर पल लहरायें और मुस्कुरायें
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- Name: Sumit
- Message: Katilana poem kaviraj